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चैनपुर 15वां वित्त भ्रष्टाचार मामला : जनपद सीईओ पर है राजनीतिक दबाव या फिर चुनाव डियूटी है बहाना

रिपोर्टर:- सुहैल आलम


कुसमी--प्रदेश में सत्ता परिवर्तन तो हुई लेकिन भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगा पाने में यह सरकार भी विफल है। इतना ही नहीं आरोप साबित होने के बाद भी कार्यवाही नहीं होती जनता की शिकायत के बाद दिखाने को जांच तो होती है लेकिन कार्यवाही के नाम पर जिम्मेदार चुप्पी साध लेते हैं यह पुरा मामला है बलरामपुर जिले के जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत चैनपुर का जहां के ग्रामीणों ने पंचायत में 15वें वित्त योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। बकायदे जनपद सीईओ के कार्यालय में पहुंच कर ज्ञापन भी सौंपा था। इस मामले में ग्रामीणों ने जनपद पंचायत कुसमी में आवेदन सौंप कार्यवाही की मांग भी की थी इस संबंध में 4 मार्च को नव भारत मे खबर प्रकाशन के बाद जनपद पंचायत कुसमी के सीईओ ने तत्काल जांच हेतु तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था और मामले में जांच कर जल्द रिपोर्ट सौंपने हेतु निर्देशित किया था। हम आपको बता दें कि बिना नाली बनाये राशि का आहरण ग्राम पंचायत चौनपुर के सरपंच-सचिव द्वारा 15वें वित्त योजना के तहत वर्ष 2022-23 में किया है। जिन दो जगह पर नाली निर्माण के नाम पर राशि आहरण किया गया है, उसमें पहला नाम भेड़ापानी स्टॉप डैम से महेश के घर तक नाली निर्माण तथा दूसरा स्थल है दोमुहान स्टाप डेम से बलारी तक नाली निर्माण बताया गया था। जिसके लिए 12 मार्च 2023 को आशीष ट्रेडर्स के नाम बिल नंबर Ûअबि/2022-23/च/21 से 97,000 तथा बिल नंबर Ûअबि/2022-23/च/22 से 96,000 रूपये का भुगतान किया जाना बताया गया है। जबकि कार्यस्थल पर एक भी कार्य नहीं किया गया था। ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।

जांच टीम ने आरोप पाया सही फिर भी नहीं हो रही है कार्यवाही
15वें वित्त योजना में भ्रष्टाचार की जांच करने 12 मार्च को पहुंची टीम के सदस्यों महेशराम बुनकर, करारोपण अधिकारी, ललित घरड़े, विकास विस्तार अधिकारी ने ग्राम पंचायत चैनपुर पहुंच कर कार्य स्थल का निरीक्षण किया। जहां पर ग्रामीणों द्वारा लगाये गए आरोप सही पाये गये। जांच के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण भी उपस्थित थे, ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा की यहां पर केवल कच्ची नाली है जो हमारे द्वारा 7-8 साल पहले बनाया गया है और ऐसे कच्ची नाली का निर्माण श्रमदान से ही कर लेते हैं
ग्रामीणों की शिकायत पर जनपद पंचायत सीईओ द्वारा गठित तीन सदस्यी जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है किन्तु रिपोर्ट सौंपे जाने के एक माह बाद भी कार्यवाही होती नहीं दिख रही है। जनपद से जानकारी मिली है कि कार्यवाही नहीं करने को लेकर जनपद सीईओ पर काफी दबाव है जनपद पंचायत कुसमी के सीईओ से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आ गई है जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी और नियमानुसार कार्यवाही शिघ्र होगी। किन्तु जांच रिपोर्ट आने के एक महिने बाद भी कार्यवाही नहीं होना कहीं न कहीं सीईओ पर राजनीतिक दबाव की ओर इशारा करता है क्या भ्रष्ट सरपंच सचिव को बचाने का प्रयास किया जा रहा है

भ्रष्टाचार ऐसा की सारी सीमायें पार, फिर भी कार्यवाही से बच रहे अधिकारी
ग्राम पंचायत चौनपुर के सरपंच-सचिव ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं पार कर दी है, ऐसा लगता है इनको शासन-प्रशासन तथा नियम-कायदों से कोई खौफ नहीं है। तभी तो जांच रिपोर्ट आने बाद भी सीईओ जनपद कोई कार्यवाही नहीं कर रहे इस पुरे मामले में सरपंच-सचिव द्वारा रिश्तेदार के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बिना कार्य किये 15वें वित्त मद की राशि का आहरण कर लिया गया है। जिस आशीष ट्रेडर्स के नाम पर भुगतान किया गया है, उस नाम से कोई भी व्यवसायिक फर्म आसपास कहीं भी नहीं है, जो सीधे-सीधे फर्जी तरिके से एक व्यवसायिक फर्म के निर्माण और भुगतान की ओर इशारा करता है। इस पुरे मामले में सीईओ क्यों चुप बैठे हैं और कार्यवाही करने से बच रहे हैं समझ से परे है

सरपंच एवं सचिव पर धारा 92 एवं 40 के तहत् कार्यवाही हो सकती है
जानकारों का कहना है कि मामले में जनपद सीईओ धारा 40 के तहत् कार्यवाही हेतु एसडीएम के पास अनुशंसा कर जांच रिर्पोट भेज सकते हैं। वहीं शासकीय राशी गबन के मामले में भी धारा 92 के तहत् भी कार्यवाही हो सकती है। सचिव के निलंबन एवं अन्य कार्यवाही हेतु भी विचार किया जा सकता है

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